प्रखंड व तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से बेलौंडी में 7 निश्चय योजना की पंचायत प्रतिनिधियों ने उड़ाई धज्जियां

आधी अधूरी योजना को पूर्ण दिखा कर लाखो का किया गया वारा न्याराआरटीआई के खुलासा के बाद अब तक दोषियों पर दर्ज नही हुई प्राथमिकीमोहनिया (कैमूर)नई सोच एक्सप्रेसकेंद्र और राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के लिए कटिबद्ध है।नित्य नई नई योजनाओ की घोषणा हो रही है।नगरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रो को भी साफ सुथरा रखने की कवायद चल रही है। सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल जल स्वक्ष पेय उपलध कराने के साथ ही सुगम आवागमन हेतु पक्की गली का निर्माण साथ ही नाली का निर्माण का प्रावधान किया गया। सरकार के इस सात निश्चय योजना का कैमूर में कैसे जन प्रतिनिधि अधिकारियों एवं तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से पलीता लगा रहे है इस का बेहतरीन उदाहरण मोहनियां प्रखंड के बेलौंडी पंचायत में देखने को मिलता है। जांच कारवाई से बेखौफ जन प्रतिनिधि और अधिकारी जनता की हक मारी के साथ साथ सात निश्चय योजना से मुठ्ठी भरने में लगे है। सिस्टम में कमजोरी एवं व्याप्त भ्रष्टाचार से आम लोगो तक पहुचने वाली योजनाओ की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। मोहनिया प्रखंड का बेलौंडी पंचायत में इन दिनों एक आरटीआई से खुलासा के बाद सम्पूर्ण ज़िले में चर्चा का बिंदु बना हुआ है।आम जन में इस बात का चर्चा है कि इतने बड़े खुलासा के बाद अब तक प्रखंड स्तरीय पदाधिकरी से ले कर पंचायत स्तरीय पदाधिकरी जनप्रतिनिधियों एवं तकनीकी पदाधिकरी पर प्राथमिकी क्यों नही दर्ज की गई।सरकार की योजनाओं पर घालमेल केवल एक व्यक्ति नही कर सकता ऐसे घाल में पूरा समूह शामिल होता है। हालांकि विश्वससूत्र बताते है कि पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।दोषियों पर कारवाई के बजाए पूरे मामले का खुलासा करने वाले पर ही दबाव बनाया जा रहा है। आरटीआई के माध्यम से खुलासा करने वाले पत्रकार विवेक कुमार सिन्हा जो बेलौंडी पंचायत से ही वार्ड नम्बर 12 के वार्ड सदस्य के अतिरिक्त मोहनिया प्रखंड से वार्ड सदस्य संघ के अध्यक्ष भी है। उन्होंने मीडिया के समक्ष लगाई गई आरटीआई के साथ साथ योजनाओ के बारे में जो जानकारी उपलब्ध कराई वह वाकई हैरत अंगेज है। आरटीआई के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजो के अवलोकन के बाद स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि पूरे मामले में पंचायत सचिव आवास सहायक मुखिया,प्रखंड विकास पदाधिकरी किस तरह से सरकार की योजनाओं की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे है। इस संबंध में विवेक कुमार सिन्हा ने बताया कि जल्द ही इस मुद्दे को ले कर मोहनिया प्रखंड के सभी वार्ड सदस्य धरना प्रदर्शन कर योजनाओ में धंधली के खिलाफ बड़े पौमाने पर आंदोलन छेड़ेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आरटीआई से मामला उजगार हुए 6 माह से अधिक बीतने को है लेकिन अब तक कारवाई न होना चिंता की बात है।उन्होंने बताया की बेलौड़ी पंचायत में प्रधान मंत्री इंदिरा आवास योजना में धंधली के अतिरिक्त पंचायत में कई ऐसी योजना है जिसमे बगैर काम कराए लाखों रुपए की निकासी कर ली गई।इसके अतिरिक्त आधी अधूरी योजना को पूर्ण दिखा कर राशि की निकासी की गई,साथ ही आधी अधूरी योजना को पहले से बनी योजना को दिखा कर जेई की मिली भगत से एस्टीमेट बना कर राशि की निकासी की गई। विवेक कुमार सिन्हा ने बताया कि इतना ही नही जिस योजना को दो वर्ष पूर्ण दिखाया गया।आरटीआई रिपोर्ट में उसके बाद फंसता देख उस योजना पर काम चालू कराया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की शिकायत डीएम,डीडीसी,बीडीओ,से ले कर गृह सचिव एवं मुख्यमंत्री तक कि जा चुकी है। इतना ही अधिकारियों द्वारा संज्ञान नही लिए जाने पर पटना उच्य न्यायालय में रिट दाखिल किया गया है। विवेक कुमार ने बताया किवार्ड नंबर 4 स्थित उघनीडीह गांव में गजेंद्र यादव के घर से लाल जी के घर होते हुए रवि सिंह के घर तक ईट करण का कार्य निर्माण आरटीआई में दिखाया गया जो कार्य हुआ भी नही है कार्य पूर्ण की राशि 11 लाख 93 हज़ार के करीब वर्ष 2018/2019 में निकासी कर ली गई।। यह योजना आज भी अधूरी है, वार्ड नम्बर 2 में जीटी रोड से वीरेंद्र सिंह के घर होते हुए गढई तक नाली निर्माण कार्य दिखाया गया है इसकी पूर्ण राशि 1095200/00 वर्ष 2019/2020,में पूर्ण दिखाई गई यह भी अधूरा है। ग्राम वार्ड नंबर 13 अमरपुरा में रामाशंकर राम के घर से अर्जुन राम के घर होते हुए रविदास मंदिर तक पीसीसी का कार्य पूर्ण दिखाकर राशि निकासी कर ली गई है इसकी पूर्ण राशि 10लाख 22हज़ार के करीब है।इसे भी वर्ष 2019/2020 में पूर्ण कर जेई के माध्यम से एमबी तैयार करा कर राशि की निकासी कर ली गई । वार्ड नंबर 12 में शिवानंद सहाय के घर से नंदू साह के घर तक पीसीसी ढलाई का कार्य पूर्ण दिखाकर राशि निकासी कर ली गई है। वार्ड नंबर 12 में हाकिम खा के घर से मकदीर बृजमोहन यादव के घर तक पीसीसी का निर्माण कार्य दिखाया गया इसकी संपूर्ण राशि 14 लाख 87 हज़ार के करीब है जिसे वर्ष 2018/2019 में पूर्ण दिखाया गया है।आरटीआई रिपोर्ट के माध्यम से यह कार्य पूर्ण दिखा दिया गया है था बिना कार्य किए गए जेई मुखिया और पंचायत सचिव में आपसी मेल में रुपए निकासी कर समूची राशि हड़प ली गई है ,उन्होंने बताया कि इस तरह कई और भी योजना है जो जांच का विषय है।विवेक कुमार ने बताया किइसकी शिकायत मुख्यमंत्री के मेल पर की गई थी, शिकायत पत्र पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देश भी निर्गत किया गया है, लेकिन पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इतना ही नही अब तक कि क्या कारवाई हुई आज तक मुख्यमंत्री तक जवाब भी नही संलग्न किया जाना बड़े पैमाने पर दोषियों को बचाने की एक पहल के रूप मे देखा जा रहा है।

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